प्रकोष्ठ के कार्य



हमारा प्राथमिक दायित्व हिंदी के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना है, जो हमारे संस्थान के भीतर राजभाषा के रूप में कार्य करती है। हम भारत सरकार के केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राजभाषा विभाग द्वारा जारी वार्षिक कार्यक्रम में उल्लिखित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अपने संस्थान की भाषा नीति को उसकी पूर्ण सीमा तक बनाए रखने का प्रयास करते हैं। हिंदी के सफल कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए, हम प्रत्येक वर्ष चार हिंदी कार्यशालाएँ आयोजित करते हैं। ये कार्यशालाएँ हमारे संस्थान के संकाय तथा अधिकारियों/कर्मचारियों के बीच भाषा दक्षता बढ़ाने और हिंदी की गहरी समझ को बढ़ावा देने के लिए मंच के रूप में काम करती हैं। इसके अतिरिक्त, हम राजभाषा कार्यान्वयन समिति की चार बैठकें और हिंदी सलाहकार समिति की दो बैठकें आयोजित करते हैं। ये बैठकें हमें अपने संस्थान के भीतर भाषा नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए रणनीति बनाने और आवश्यक कदम उठाने की अनुमति देती हैं।

हिंदी को बढ़ावा देने के हमारे निरंतर प्रयासों में, हिंदी प्रभाग हिंदी सप्ताह/माह आयोजित करने की पहल करता है। यह समर्पित अवधि हिंदी भाषा की समृद्धि और सांस्कृतिक महत्व का जश्न मनाने के अवसर के रूप में कार्य करती है। इसके अलावा, हम नियमित रूप से विभिन्न गतिविधियों की व्यवस्था करते हैं जो दैनिक कार्यों में हिंदी के उपयोग को प्रोत्साहित और सुविधाजनक बनाती हैं।

हमारे प्रयास विनम्रता और ऐसे माहौल को बढ़ावा देने की सच्ची इच्छा पर आधारित हैं, जहां हिंदी फल-फूल सके। हम भाषा विविधता के महत्व को समझते हैं और मानते हैं कि हिंदी के प्रभावी कार्यान्वयन से हमारे संगठन के भीतर संचार और समावेशिता बढ़ती है। अपने सामूहिक प्रयासों और अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से, हम एक ऐसा माहौल बनाने का प्रयास करते हैं जहां हिंदी के उपयोग को न केवल प्रोत्साहित किया जाए बल्कि उसे पोषित भी किया जाए।

हम हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने और भारत सरकार द्वारा निर्धारित भाषा नीति के उद्देश्यों को पूरा करने के प्रति अपने समर्पण पर दृढ़ हैं। हमारी चल रही पहल और सहयोगात्मक प्रयास एक ऐसे भाषाई वातावरण के पोषण के लिए हमारे वास्तविक जुनून को दर्शाते हैं जो हिंदी को अपनाता है और इसके महत्व को महत्व देता है।